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मेंढक पर निबंध Short Essay on Frog in Hindi [Class 1 to 12]

मेंढक पर निबंध Short Essay on Frog in Hindi: दोस्तों आज हम आपको मेंढक निबंध Frog Essay Speech Paragraph, Few Lines on Frog Nibandh In Hindi में जानकारी देने जा रहे है।

मेंढक पर निबंध Short Essay on Frog in Hindi

कई बार जब हम किसी एग्जाम में बैठते हैं तो उस दौरान हमें मेंढक पर निबंध लिखने को मिलता है या फिर अगर कोई मेंढक के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त करना चाहता है कि मेंढक के कितने प्रकार होते हैं? मेंढक क्या खाते हैं? कहां रहते हैं? आदि। तो उनको मेंढक पर निबंध पढ़ना होगा। ताकि वह मेंढक से संबंधित सारी जानकारी अच्छे से प्राप्त कर सकें। 

आइए हम आज आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से मेंढक पर निबंध के दो प्रकार के तरीके बताने वाले हैं। एक निबंध पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों के लिए और दूसरी निबंध तीसरी कक्षा से बारहवीं कक्षा या ग्रेजुएशन तक के लोगों के लिए है। दोनों निबंध अच्छे से पढ़ने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे। 

मेंढक पर निबंध Short Essay on Frog in Hindi [Class 1 to 12]
मेंढक पर निबंध Short Essay on Frog in Hindi [Class 1 to 12]

Short Essay on Frog in Hindi (1 – 3 कक्षा के लिए)

  • मेंढक एक उभयचर जीव है जो जल और स्थल दोनों में निवास कर सकते हैं। मेंढको को ज्यादातर बरसात के मौसम में देखा जाता है हालांकि बरसात के अलावा यह बारिश होने के दौरान लोगों को देखने मिलते हैं। 
  • भले ही मेंढक पानी के साथ-साथ जमीन पर भी रहते हैं लेकिन मेंढक को ज्यादातर पानी मे रहना ही पसंद होता है। जब नदियों या तालाबों का पानी सूख जाता है तो मेंढक जमीन के अंदर चले जाते हैं। 
  • गर्मी के दिनों में जब तालाब और नदियों का पानी सूख जाता है तो यह जमीन के अंदर चल जाते हैं और जमीन के अंदर इन्हें भूख बहुत कम महसूस होता है। यह बिना कुछ खाए पिए महीनों तक जमीन में रह सकते हैं। इसलिए यह गर्मी के दिनों में जमीन के भीतर चले जाते हैं और बरसात के मौसम का या फिर बारिश होने का इंतजार करते रहते हैं। 
  • मेंढको की सबसे खास बात यह है कि जब बारिश होती है तब मेंढक बारिश होने के दौरान या बारिश होने के बाद जमीन के अंदर से बाहर आ जाते हैं और टर्र-टर्र की आवाज करने लगते हैं।
  • मेंढक एक ऐसे जिव है जिनकी प्रजाति विश्व के लगभग सभी देशों में पाई जाती है। पूरे विश्व में मेंढको की 5000 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है।
  • मेंढक के चार पैर होते हैं जिनमें दो आगे के पैर छोटे और दो पीछे के पैर आगे के पैरों के मुकाबले बड़े होते हैं। मेंढक का वैज्ञानिक नाम Rana Tigrina है। 

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Short Essay on Frog in Hindi (4 – 12 कक्षा के लिए)

  • मेंढको कि ज्यादातर जनसंख्या ठंडे वातावरण में पाया जाता है। मेंढक खासकर बारिश के मौसम में देखे जाते हैं। बारिश के अलावा उनको ठंडी के मौसम में भी देखा जा सकता है या फिर जब बारिश पड़ती है उस वक्त भी देखा जा सकता है। मेंढक जल और जमीन दोनों पर निवास कर सकते हैं। 
  • मेंढक को कि शीतनिंद्रा थोड़ी सी हैरान कर देने वाली है क्योंकि जब मेंढक को ठंड लगती है तो वह पानी के तल में जाकर आराम करते हैं और इसके अलावा वह जब जमीन पर रहते हैं तो जमीन के गड्ढों में जाकर छिप जाते हैं। जिसके कारण उन्हें ठंड भी नहीं लगती है और वहां पर उनको भूख भी बहुत कम महसूस होती है। 
  • मेंढको के चार पैर होते हैं। इनके आगे वाले पैर थोड़े छोटे होते हैं और आगे वाले पैरों के मुकाबले पीछे वाले दोनों पैर काफी बड़े होते हैं। ऐसे ही शरीर के बनावट की वजह से यह आसानी से उछल कूद कर सकते हैं। मेंढक के आगे वाले पैर में चार और पीछे वाले पैर में पांच उंगली नुमा संरचना होती है जो इन्हें पानी में तैरने में काफी ज्यादा मदद करती है। मेंढक अपने पैर और पैरों में बने उंगली नुमा संरचना की वजह से पानी में लंबे समय तक करने में कामयाब होते हैं।
  • मेंढको का शरीर 5 इंच से 12 इंच लंबा होता है। हालांकि मेंढक की प्रजाति में नर मेंढक के मुकाबले मादा मेंढको की लंबाई ज्यादा होते हैं और उनमें कई बीस ग्रंथियां भी होती है लेकिन वह बीस ग्रंथियां इन्हें बड़े जानवरों से बचाव करने में नाकामयाब रहती हैं। 
  • दुनिया की लगभग सभी महाद्वीपों में मेंढको की जनसंख्या काफी ज्यादा है और अब तक वैज्ञानिकों के द्वारा मेंढको की 5000 से ज्यादा प्रजातियां खोजी जा चुकी है। अलग-अलग जलवायु की अवस्था में मेंढको की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है। कुछ खास किस्म के मेंढक होते हैं जो सिर्फ महाद्वीपों में पाए जाते हैं और कुछ ऐसे भी मेंढक होते हैं जो छोटे-मोटे तालाब और नदियों में भी रहते हैं। 
  • जंगलों और नदियों के तट पर ज्यादातर मेंढको की जनसंख्या पाई जाती है और यहां पर बैठकों की कई सारी प्रजातियां भी पाई जाती है। लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा जाए तो मेंढको की लगातार कई प्रजातियां पूरे दुनिया से विलुप्त हो चुकी है और कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है। अगर ऐसे ही लगातार चलता रहा तो आने वाले कुछ समय में मेंढको की सभी प्रजातियां पृथ्वी से पूरी तरह विलुप्त हो जाएंगी और किसी भी व्यक्ति को मेंढक देखने तक नहीं मिलेंगे। 
  • वैसे तो मेंढक जमीन और पानी दोनों में रहते हैं लेकिन मेंढक ज्यादातर पानी में रहना पसंद करते हैं। मेंढको का मुख्य भोजन पानी में रहने वाले छोटे-मोटे कीट पतंग है जिन्हें खाकर मेंढक अपना पेट भरते हैं और भूख शांत करते हैं। 
  • मेंढक के नाक के ऊपर छोटे-छोटे आंख होते हैं उन्हीं की मदद से यह अपना शिकार करते हैं और छोटे-छोटे कीट पतंग को यह अपने मुंह से निगल जाते हैं। मेंढक ज्यादातर मीठे पानी में पाए जाते हैं। अभी तक मेंढक के एक मी प्रजाति खारे पानी में देखने को नहीं मिले है। 

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निष्कर्ष 

आज हमने आपको अपने इस लेख के माध्यम से Short Essay on Frog in Hindi यानी कि मेंढक पर निबंध के बारे में जानकारी दी है। हमने इस लेख में मेंढक के बारे में दो तरह के निबंध लिखे हैं। पहला निबंध पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों के लिए है और दूसरी निबंध चौथी से 12वीं या ग्रेजुएशन तक के बच्चों के लिए है। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया तो आप इसे अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ-साथ अपने सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर साझा जरूर करें। 

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FAQs – मेंढक पर निबंध [Essay on Frog]

प्रश्न: मेंढक का वैज्ञानिक नाम क्या है?

उत्तर: Scientific Name of Frog: मेंढक का वैज्ञानिक नाम Rana Trgrina है। 

प्रश्न: मेंढक की कितनी प्रकार की प्रजातिया पायी जाती है?

उत्तर: दुनिया भर में मेंढक की लगभग 5000 से अभी अधिक प्रजातिया पायी जाती है। 

प्रश्न: मेंढक की औसतन उम्र कितनी होती है?

उत्तर: मेंढक की औसतन आयु लगभग 10 से 12 साल होती है। लेकिन कुछ प्रजातिया 35 साल तक भी जीवित रहती है। 

प्रश्न: मेंढक की आवाज कैसी होती है?

उत्तर: Sound of Frog – मेंढक बारिश के मौसम में टर्रटर्र की आवाज निकलते है।

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