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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय (1888-1975) Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography Hindi

Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography Hindi (1888-1975): आज के लेख में हम डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय के बारे में जानकारी देंगे जो हमारे भारत देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति भी थे। ये पढ़ने लिखने में काफी तेज थे और आगे चलकर उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। अगर आप डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन से संबंधित जानकारी पाना चाहते हैं और उनके जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते हैं। तो आप इस वक्त बिल्कुल सही जगह पर मौजूद है। यहां आपको डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवनी | डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन बायोग्राफी की पूरी जानकारी मिलेगी। 

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय | Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi

भारतीय इतिहास में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है क्योंकि वो भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। राधाकृष्णन जी एक प्रसिद्ध शिक्षक थे इसी वजह से हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय | Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे? 

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति और प्रथम उपराष्ट्रपति थे। आजादी के समय इन्होंने भारत के सभी लोगों को सही दिशा निर्देश दिए जिसके वजह से लोग सही तरीके से हमारे भारत को आजाद करने में सफल हुए। इन्हें शुरू से ही किताबें पढ़ने का शौक था और इन्होंने किताबों से बहुत सारी ज्ञान इकट्ठा कर ली थी। 

इन्होंने अपने ज्ञान का प्रयोग कर भारत को आजादी के बाद सही शिक्षा नीति देने के लिए काम किया। उनके अथक प्रयासों के बाद हमारा भारत सही शिक्षा नीति और सही निर्देश से आगे बढ़ा। इसके लिए इन्हें सन 1954 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था। 

इस आर्टिकल के माध्यम से आप डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध भी लिख सकते है। इस लेख में आप डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म से लेकर मृत्यु तक सारी बातें बताने वाले हैं। हम आपको उनके परिवार और उनके शिक्षा के बारे में भी आपको बताएंगे। अब यह सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। 

Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi – Overview 

पूरा नाम  डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 
जन्मतिथि  5 सितंबर 1988
जन्म स्थान गाँव: तिरुमनी, मद्रास (तमिलनाडु)
धर्म हिन्दू
माता-पिता सिताम्मा, सर्वपल्ली विरास्वामी
भाषा संस्कृत, अंग्रेजी, हिंदी 
शिक्षा एम.ए. दर्शनशास्त्र  (1906)
नागरिकता  भारतीय
पद उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति
कार्य दार्शनिक, शिक्षाविद, विचारक, राजनीतिज्ञ
वैवाहिक स्थिति  विवाहित
पत्नी का नाम (Wife) सिवाकमु (1904)
सम्मान (Awards) सन 1954 में भारत रत्न
बच्चे 5 पुत्री, 1 पुत्र
मृत्यु 17 अप्रैल 1975 (आयु 86 वर्ष)
संपत्ति (Net Worth) ज्ञात नहीं

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म व परिवार

भारत की प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1988 को तमिलनाडु के एक गांव तिरुमनी मे हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कोई खास बेहतर नहीं रहती थी। जिस वजह से इन्हें बचपन में सुख सुविधा नहीं मिल पाई। लेकिन इनके पिता अपने गांव की सबसे बड़ी ज्ञानी माने जाते थे। 

जिस वजह से इन्हें इनके पिता शुरू से ही किताब पढ़ने की आदत लग गयी। आगे चलकर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को किताबें पढ़ने का शौक हो गया और वह हर तरह की किताबें पढ़ने लगे। किताब पढ़ने की वजह से इन्हें हर ग्रंथ हर धर्म के बारे में विस्तार से जानकारी हो गई। जो आगे चलकर इनके लिए और हमारे देश के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुई। 

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा (Sarvepalli Radhakrishnan Education)

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही किताबें पढ़ते थे जिसके वजह से उनका दिमाग पढ़ने लिखने में काफी तेज था। उन्हें अपना शिक्षा कंप्लीट करने के लिए तिरुपति (आरंभिक शिक्षा) जाना पड़ा। उनके गांव में बच्चों की शिक्षा के लिए उसे समय कोई व्यवस्था नहीं थी। इसलिए इनके पिता को अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर न रहने के बावजूद भी पढ़ने के लिए तिरुपति भेजना पड़ा। 

सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सन 1896 से 1900 तक अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण की थी। जिसके लिए इनके पिता ने क्रिश्चन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरुपति में एडमिशन कराया था। इसके बाद सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के लिए भेज दिया था जहां से उन्होंने वर्ष 1906 में दर्शन शास्त्र में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपनी पूरी शिक्षा स्काॅलरशिप के माध्यम से पूरी कर पाए थे।

जब 16 साल की उम्र में सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी तिरुपति से पढ़कर वापस अपने गांव आए। तो इसके कुछ दिनों बाद उनकी दूर की चचेरी बहन ‘सिवाकमु’ (1904) से इनकी शादी कर दी गयी। इसके बाद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए भारत के अलग-अलग जगह पर गए और अपनी शिक्षा दीक्षा को पूरा किया। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजनीति और दर्शनशास्त्र से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। 

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का करियर 

बालकृष्ण भट्ट दर्शनशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल किए थे जिस वजह से उन्हें कई जगहों पर दर्शनशास्त्र के शिक्षक के रूप में काम करने का मौका मिला। एक कॉलेज में उन्हें तो उप प्रधान अध्यापक के रूप में भी काम करने का मौका मिला। यहां तक कि इनके ज्ञान की वजह से इन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारत के दर्शनशास्त्र अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया। 

लेकिन इन्होने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ज्यादा दिनों के लिए कार्य नहीं किया और वहां की अध्यापक की नौकरी छोड़कर भारत वापस आ गए। राधाकृष्णन को सन 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय का कुलपति भी बनाया गया था। कुछ समय बाद इनको सन 1939 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था। हिंदू विश्वविद्यालय में ये वर्ष 1948 तक कार्यरत रहे।

ब्रिटिश शासनकाल में ही राधाकृष्णन को ‘सर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था। भारत की शिक्षा के क्षेत्र में इनके अतुल्नीय कार्यों और उपलब्धियों के कारण ही हर वर्ष डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्मदिवस 05 सितम्बर के दिन ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का राजनीतिक जीवन 

भारत जब 1947 में अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ तो जवाहरलाल नेहरू के कहने पर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के संविधान की सभा में शामिल हो गए। इन्होंने भारत के संविधान सभा में शामिल होकर भारत की शिक्षा नीति को बनाने में काफी बड़ा योगदान दिया। 

राजनीतिक सफर की बात करे तो सबसे पहले इनको सन 1949 से 1952 तक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (USSR) का राजदूत बनाया गया था और बाद में सन 1952 से 1962 तक में भारत के उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हुए। वर्ष 1954 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ‘भारत रत्न’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। कुछ समय बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद की असमय मृत्यु होने पर राधाकृष्णन को वर्ष 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गयी।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मिले सम्मान व अवार्ड (Dr Sarvepalli Radhakrishnan Awards)

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी महान कार्यों के लिए सरकार द्वारा कई तरह के अवार्ड दिए गए हैं। आइए हम नीचे आपको डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मिलने वाले सभी पुरस्कारों के बारे में बताते हैं। 

  • डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके महान कार्यों के लिए सन 1954 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था। 
  • शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की वजह से उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए 1962 में ऐलान किया गया था। 
  • सन 1962 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को ब्रिटिश एकेडमी का सदस्य बनने का मौका मिला था। 
  • डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पोप जॉन पाल के द्वारा “गोल्डन स्पर” भेट किया गया था। 
  • इन्होंने इंग्लैंड में भी कुछ अच्छे कार्य किए थे जिनके लिए इन्हें इंग्लैंड सरकार द्वारा आर्डर ऑफ़ मेंरिट अवार्ड दिया गया था। 

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु 

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु 17 अप्रैल 1975 को एक लम्बी बीमारी के कारण हुई थी। भले ही डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके द्वारा बनाई गई शिक्षा नीति और उनके द्वारा दिए गए उपदेश का हम आज भी पालन करते हैं। राधाकृष्णन जी को मरणोपरांत अमेंरिकी सरकार द्वारा सन 1975 में टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो कि धर्म के क्षेत्र में उत्थान के लिए दिया जाता है।

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निष्कर्ष  – डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने Dr Sarvepalli Radhakrishnan biography in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। हमने आपको उनके जन्म, परिवार, शिक्षा, मृत्यु और मिलने वाले अवार्ड से संबंधित लगभग सारी जानकारी दे दी है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया और दी गई जानकारी अच्छे से समझ में आ गई तो आप इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर अवश्य करें। 

FAQs: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय से जुड़े कुछ सवाल-जवाब

सवाल: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनका जन्म कब और कहां हुआ?

जवाब: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुमनी गांव, मद्रास (चेन्नई) तमिलनाडु, भारत में हुआ था।

सवाल: शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है?

जवाब: शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है।

सवाल: शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?

जवाब: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (प्रथम उपराष्ट्रपति) द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अतुल्नीय योगदान के लिए वर्ष 1962 से उनके जन्मदिन के दिन यानि 05 सितम्बर को मनाया जाता है।

सवाल: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनकी मृत्यृ कब हुई?

जवाब: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यृ 17 अप्रैल 1975 को हुई थी।

Question: What is the Dr Sarvepalli Radhakrishnan Net Worth?

Answer: Dr Sarvepalli Radhakrishnan Net Worth – Not Known. 

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